Monday, 4 July 2011

तेरा जाना,



तेरा  जाना,  
  जीवन की गति का रूक जाना 
    कल के आंसू डिबिया से, 
      मोती बन टपका जाना 
        तेरा जाना ...................

चाहा क्या 
  क्षण दे, ले दो क्षण,  
    पर ले हाथों में हाथ मेरा 
      सपना दे ठुकरा जाना 
         तेरा जाना ...................
       
मधु त्रिपाठी MM

1 comment:

  1. बहुत दर्द भरी हैंये पंक्तियाँ, बहुत सरस !
    चाहा क्या
    क्षण दे, ले दो क्षण,
    पर ले हाथों में हाथ मेरा
    सपना दे ठुकरा जाना
    तेरा जाना ..........

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