हम
हम पानी है तो पानी के निशान छोड़ जायेंगे
हम पानी है तो पानी के निशान छोड़ जायेंगे
सीमा पे चढ़ेंगे तो प्रहरी बनेगे
भारत के भाल की रक्षा करेंगे
नेता जी सुभाष वाली गोली बन चलेंगे
जय हिंद के नारों से धरती हिलेगी
सौ करोड़ जनता की दहाड़ बन जायेंगे
मैया की छाती का छीर बन जायेंगे
भइया की राखी की लाज बन जायेंगे
बहना सुहाग वाली डोली बन जायेंगे
आयी हुई दुल्हन हँस के कहेगी
पिया की सेजरिया श्रंगार बन
गर्मियों में धूप का पसीना बन जायेंगे
खेत में किसान का नगीना बन जायेंगे
भोर की पति पे ओस बन जायेंगे
सीप के अन्दर वाली मोती कहेगी
गिरेंगे कपोल पे आंसू बन जायेंगे
मधु त्रिपाठी
MM