इस विषय पर मत लिखना
जिसमे की आंसू शब्द घन
यह बड़ा विस्तृत विषय है
रह गए स्तब्द बन
शोध किया प्रतिशोध पे मैंने
मिली चिता की समिधा पूर्ण
उपर है चिन्गारकी अंगिया
पूर्ण बदन अंगार की साड़ी
जीवन के संग्राम से जीती
मन के द्वंद्व से हार गयी
नाव किनारे एक खड़ी कर
मै नदिया के पार गयी
कई बार डूबी उतराई
कई बार जलचर से बची
सोंचो की लहरों में फंसकर
नयी भवर की नीव धरी
---मधु त्रिपाठी MM
Bhaw se purit guldasta hai.........
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