निज गौरव
अब अकेले ही सफ़र का खात्मा हम भी करेंगे
अब न लेंगे भीख उनकी साधना ये भी करेंगे
विगत वर्षों से करती आ रही जिनकी प्रतीक्षा
पर मिली क्या प्रेम की करुणा मिली कोई भी भिक्षा
आज हम निज साधनों से गौरव बनाकर जूझ लेंगे
अब न लेंगे भीख उनकी साधना ये भी करेंगे
मधु त्रिपाठी MM
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